ज़िंदगी का सफ़्हा
फिर एक बार
पलटने को है.
अध्याय एक नया
प्रारम्भ -
होने को है.
ज़ुदा होंगे फिर जिन्होंने,
साथ होने का भ्रम दिया था.
आयेंगे नये लोग –
औ’ संग उनके फिर से
साथ होने का छल भी
पुन: आयेगा.
ताज़ा होंगी सूरतें –
इसमें कहीं कोई शक़ नहीं.
मगर उन ताज़ा सूरतों के पीछे छुपा आदमी भी
क्या नया होगा?
कि –
सीरतें भी होंगी नई
इसपर,
अब ऐतबार करने का
दु:साहस नहीं होता.
क्रमश: पुरानी पड़ती किताबों के सफ़्हे
बिखर ना जाएँ कहीं.
आवश्यक है कि
उनको सहेजने-सम्भालने वाली ज़िल्द
पुख्ताहाल रहे.
कहीं अंदर, भीतर
सिहरता बहुत हूँ माँ.
डरता हूँ किसी मोड़ पर
बिखर ना जाएँ पन्ने
ज़िंदगी के.
तुम जो नहीं.
फिर एक बार
पलटने को है.
अध्याय एक नया
प्रारम्भ -
होने को है.
ज़ुदा होंगे फिर जिन्होंने,
साथ होने का भ्रम दिया था.
आयेंगे नये लोग –
औ’ संग उनके फिर से
साथ होने का छल भी
पुन: आयेगा.
ताज़ा होंगी सूरतें –
इसमें कहीं कोई शक़ नहीं.
मगर उन ताज़ा सूरतों के पीछे छुपा आदमी भी
क्या नया होगा?
कि –
सीरतें भी होंगी नई
इसपर,
अब ऐतबार करने का
दु:साहस नहीं होता.
क्रमश: पुरानी पड़ती किताबों के सफ़्हे
बिखर ना जाएँ कहीं.
आवश्यक है कि
उनको सहेजने-सम्भालने वाली ज़िल्द
पुख्ताहाल रहे.
कहीं अंदर, भीतर
सिहरता बहुत हूँ माँ.
डरता हूँ किसी मोड़ पर
बिखर ना जाएँ पन्ने
ज़िंदगी के.
तुम जो नहीं.